Akelapan Shayari For Instagram ✂️ Copy This Ideas! ✨

Akelapan Shayari For Instagram ✂️ Copy This Ideas! ✨

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Akelapan Shayari For Instagram


😍➤ Best Akelapan Shayari For Instagram : 

धोखे से डरते हैं इसीलिए आज भी अकेले रहते हैं।


यूँ ही बेवजह न मुझे वो खोजता होगा,

शायद उसे भी ये अकेलापन नोचता होगा।


ये अकेलापन मुझे भाने लगा अब,

करीब जाना मुझे चौकाने लगा अब।


अकेलेपन से दिल जाने क्यूँ घबरा रहा है

मुझें वो तेरी बातें फिर से याद दिला रहा है


सुबह से रात और रात से यु ही सुबह हो जाती है,

ये अकेलापन खत्म होने का नाम ही नहीं लेता है।


उस की जुस्तजू, इंतज़ार और अकेलापन,

थक कर मुस्कुरा देता हूँ जब रोया नहीं जाता।


क्या करेंगी इस खाली इमारत जैसे दिल का हाल जानके,

क्यूंकी अब तो इसे भी अकेलेपन से मोहब्बत सी हो गई है।


अकेलापन अब हमे सताता है,

दिन मे सपने ओर रातो को जागता है।


अकेलेपन से कोई बैर नही है मुझे,

डरता हूँ की कोई याद ना आ जाये मुझे।


तेरे जाने के बाद मैंने कितनों को यु आज़माया हैं,

मगर कोई भी मेरे इस अकेलेपन को दूर नहीं कर पाया हैं।


ये अकेलापन क्या होता है,

ये उस पेड़ में बचे आखिरी पत्ते से पूछो जारा,

जिसने बस पतझड़ के आने की उम्मीद लगा रखी है।


जनाब कैसे मुकम्मल हो उस इश्क़ की दास्तां,

जिसकी फितरत में ही अकेलापन होता है।


सुनो तुम्हारे जाने के बाद हम कभी,

अकेलापन महसूस ही नहीं कर पायें,

क्या करते कमबख्त तनहाईयों को,

मोहब्बत जो हो गई है हमसे।


कौन कहता है जनाब ये अकेलापन छलता है,

जब जिंदगी की समझ हो जाए तो खुद का साथ भी भाता है।


ख्वाब बोये थे, और अकेलापन काटा है,

इस मोहब्बत में यारो, बहुत घाटा है।


वो तुम्हारे नज़रिए से अकेलापन हो सकता है,

पर मेरे नज़रिए से देखो वो मेरा सुकून है।


तन्हाई मे अकेलापन सहा ना जाएगा,

पर महफ़िल मे अकेला रहा ना जाएगा,

उनका साथ ना हो फिर भी जिया जाएगा,

पर उनका साथ कोई और हो ये सहा ना जाएगा।



बड़े ही हसीन अंदाज से

उसने दिल पर वार किया

पहले प्यार किया फिर

अकेलापन देकर दरकिनार किया..!


मै तेरे इंकार की वजह जान गया

तेरी खामोशियो को मैं पहचान गया..!


महफ़िल से दूर मैं अकेला हो गया

सूना सूना मेरे लिए हर मेला हो गया !!


हमारे इस अकेलेपन ने हमें

जीना सीखा दिया

बची हमारी ये हँसीं तो उसे हमनें

पहले ही भुला दिया !!


तुम्हारे करीब हम कुछ

इस तरह आते गये

तन्हाइयों के और नजदीक जाते गये !!


अकेले मर जाना ए-दोस्त

पर किसी पे भरोसा मत करना !


अकेलापन एक सज़ा सी है

लेकिन इसमें जीने में भी अपना

अलग ही मज़ा है !!


तन्हाइयों से मेरी पहचान लगती है

मुझे महफिलें भी वीरान लगती है !!


कोई आया नही कितना बुलाया हमने

उम्र भर एक जमाने को बहुत जगाया हमने !!


जनाब जिसको हम जितनी ज्यादा

अहमियत देते है ना

एक समय ऐसा भी आता है

जब वही इंसान आपको अकेला

छोड़ कर चला जाता है !!


पास आकर सभी दूर चले जाते है,

अकेले थे हम अकेले ही रह जाते है!

इस दिल का दर्द दिखाये किसे?

मल्हम लगाने वाले ही जख्म दे जाते है!! 


होठों ने सब बातें छुपा कर रखीं ……

आँखों को ये हुनर… कभी आया ही नहीं …… 


कौन कहता है जनाब ये

अकेलापन खलता है

जब जिंदगी की समझ हो जाए तो

खुद का साथ भी भाता है !!


मैं हूँ दिल है तन्हाई है

तुम भी होते अच्छा होता !!


सूने घरों में रहने वाले कुंदनी चेहरे कहते हैं,

सारी सारी रात अकेलेपन की आग जलाती है।


अकेलापन एक सज़ा सी है,

लेकिन इसमें जीने में भी अपना अलग ही मज़ा है।


जनाब इतने मतलबी भी मत बन जाओ,

कि तुम्हें अब दूसरों का अकेलापन भी नजर ना आ पाए,

और इतना अच्छा भी मत बन जाओ,

कि तुम्हें दूसरों की बुराई भी नजर ना आ पाए।


हमारे इस अकेलेपन ने हमें जीना सीखा दिया,

बची हमारी ये हसीं तो उसे हमनें पहले ही भुला दिया।


कल भी हम तेरे थे, आज भी हम तेरे है,

बस फर्क इतना है,

पहले अपनापन था, अब अकेलापन है।


लिखने का कोई शौक नहीं मुझे,

बस खुद को यु उलझाए रखा है इसमें,

क्योंकि इस अकेलेपन में तो बस,

सिर्फ उसकी याद आती हैं।


हम अकेले नही रहते अकेलापन साथ आ जाता है,

हम रोते नही आँखो से दिल का दर्द बयान हो जाता है,

अकेला तो चाँद भी रह जाता है तारो की महफ़िल मे,

जब मानने वाला खुद ही रूठ जाता है।


मैं अकेलेपन में खुद को तुमसे छिपाते जा रहे हूँ,

अपनी ही नजरों में खुद को गिराते जा रहा हूँ।


अकेलेपन का अज़्मी हो भी तो एहसास कैसे हो,

तसलसुल से हमारी शाम-ए-तन्हाई सफ़र में है।


तन्हा दिन, तन्हा रातें,

अकेलेपन में भी, याद आती हैं सिर्फ तेरी बातें,

कोशिश कर लूं छुपाने की,

पर बाहर आ ही जाती हैं जज़्बातें।


बढ़ती नजदीकियों को अक्सर जुदाई में बदलते देखा है,

आज सोचा अपने अकेलेपन से नजदीकी बढ़ा के तो देखूं।


अब मुझे रास आ गया है अकेलापन,

अब आप अपने वक्त का अचार डालिए।


इस अकेलेपन में भी कितनी वफादारी है,

मुझे कभी अकेला नही छोड़ता ये अकेलापन।


मुझे मेरा अकेलापन ही कुछ ज्यादा भाता है,

इन खोखले बनावटी रिश्तों के बीच दिल घबराता है।


इस चार दिन की जिंदगी में,

हम अकेले रह गए,

मौत का इंतजार करते करते,

अकेलेपन से मोहब्बत कर गए।


अकेला हूँ और तन्हा भी पर गलत नही हूँ मैं

बस तुम पर अपना एकाधिकार समझ बैठा हूँ मैं


सुन क्यूं तू मुझे हर मोड़ पर मिल जाती है

थोड़ी दूर साथ चल कर फिर तू अकेला छोड़ जाती है


ये अकेलापन सभी को काटता है

पर न कोई इसको बाँटता है

अगर जो कोई चाहे इसको बाँटना

बुरा भला कह कर सब कोई डाँटता है


😍➤ Final Word 

Let us know in the comments if you already knew about them or if any was a surprise for you 👍 . 

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