Emotional Broken Heart Shayari For Instagram ✂️ Copy This Ideas! ✨

Emotional Broken Heart Shayari For Instagram ✂️ Copy This Ideas! ✨

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Emotional Broken Heart Shayari For Instagram


😍➤ Best Emotional Broken Heart Shayari For Instagram :

 काश कोई हम पर भी इतना प्यार जताती |

पीछे से आकर वो हमारी आँखों को छुपाती,

हम पूछते की कौन हो तुम…?

और वो हँसकर खुदको हमारी जान बताती..!!\


लगे हैं इलज़ाम दिल पे जो मुझको रुलाते हैं,

किसी की बेरुखी और किसी और को सताते हैं,

दिल तोड़ के मेरा वो बड़ी आसानी से कह गए अलविदा,

लेकिन हालात मुझे बेवफा ठहराते है।


मिटा दो नाम तक मेरा किताब-ए-ज़िन्दगी से तुम,

मगर पल-पल रुलाएगी… सताएगी कमी मेरी।


जख़्म इतना गहरा हैं इज़हार क्या करें।

हम ख़ुद निशां बन गये ओरो का क्या करें।

मर गए हम मगर खुली रही आँखे।

क्योंकि हमारी आँखों को उनका इंतेज़ार हैं।


उसको क्या सज़ा दूं,

जिसने मोहब्बत में हमारा दिल तोड़ दिया,

गुनाह तो हमने किया,

जो उसकी बातो को मोहब्बत का रंग दे दिया।


दिल मे आरज़ू के दिये जलते रहेगे।

आँखों से मोती निकलते रहेगे।

तुम शमा बन कर दिल में रोशनी करो।

हम मोम की तरह पिघलते रहेंगे।


खाली शीशे भी निशान रखते हैं,

टूटे हुए दिल भी अरमान रखते हैं,

जो ख़ामोशी से गुज़र जाये,

वह दरिया भी दिल में तूफ़ान रखते हैं।


किसी का कत्ल करने पर सजा-ए-मौत है लेकिन,

सजा क्या हो अगर दिल कोई किसी का तोड़ दे?


तुझसे बहुत कहा था कि मुझे अपना न बना,

अब दिल मेरा तोड़ कर मेरा तमाशा न बना।


तुम्हारा क्या बिगाड़ा था जो तुमने तोड़ डाला है,

ये टुकड़े मैं नहीं लूँगा मुझे तुम दिल बना कर दो।


अब न कोई हमें मोहब्बत का यकीन दिलाये,

हमें रूह में भी बसा कर निकाला है किसी ने।


मुझे इन पत्थरों से खौफ न होता,

अगर शीशे का मेरा घर न होता,

यकीनन मैं भी खेलता इश्क़ की बाज़ी,

अगर दिल टूटने का डर न होता।


चलो मान लिया,

मुझे मोहब्बत करनी नहीं आती,

लेकिन ज़रा ये तो बताओ,

तुम्हे दिल तोड़ना किसने सिखाया?


एक तुम मिल जाते बस इतना काफ़ी था,

सारी दुनिया के तलबगार नहीं थे हम।


एक ताल्लुक था सो आया हूँ खुदाया वरना,

कौन आता है तेरी महफ़िल में तमाशा बनने।


जरा सा बात करने का तरीका सीख लो तुम भी,

उधर तुम बात करते हो इधर दिल टूट जाता है।


दिल जो टूटा तो कई हाथ दुआ को उठे,

ऐसे माहौल में अब किसको पराया समझें।


बिछड़ के तुझसे न देखा गया किसी का मिलन,

उड़ा दिए हैं परिंदे भी हमने शजर पे बैठे हुए।


दिल तोड़ कर हमारा तुमको राहत भी न मिलेगी,

हमारे जैसी तुमको कहीं चाहत भी न मिलेगी,

यूँ इतनी बेरुखी न दिखलाइये हमें,

हम अगर रूठे तो हमारी आहट भी न मिलेगी।


काश उससे चाहने का अरमान ना होता,

मैं होश में रहते हुए अनजान न होता,

ना प्यार होता किसी पत्थर दिल से हमको,

या फिर कोई पत्थर दिल इंसान ना पत्थर !


कोई एहसान करदे मुझपे इतना सा बता कर,

भुलाया कैसे जाता है दिल तोड़ने वाले को।


कुछ मोहब्बत का नशा था पहले हमको,

दिल जो टूटा तो नशे से मोहब्बत हो गई।


वो शख्स फिर से मुझे तोड़ गया आज,

जिसे कभी हम पूरी दुनिया कहा करते थे।


अंदर कोई झाँके तो टुकड़ों में मिलूंगा,

ये हँसता हुआ चेहरा तो दिखाने के लिए है।


होंठों की हँसी को न समझ हकीक़त-ए-जिंदगी,

दिल में उतर के देख कितने टूटे हुए हैं हम।


बदल गए सब लोग आहिस्ता-आहिस्ता,

अब तो अपना भी हक़ बनता है।


होश उड़ जाएंगें मेरे कातिल के,

कोई उसे बता दे कि मैं जिंदा हू अभी।


मुमकिन हुआ तो मैं तुम्हें माफ़ करूँगा,

फिलहाल तेरे आँसुओं का मुन्तजिर हूँ मैं।


मोहब्बत मुकद्दर है कोई ख़्वाब नही।

ये वो अदा है जिसमें हर कोई कामयाब नही।

जिन्हें मिलती मंज़िल उंगलियों पे वो खुश है।

मगर जो पागल हुए उनका कोई हिसाब नही।


आखरी बार तेरे प्यार को सजदा कर लूँ

लौट के फिर तेरी महफ़िल में नही आऊंगा |

अपनी बर्बाद मोहब्बत का जनाज़ा लेकर,

तेरी दुनियां से बहुत दूर चला जाऊंगा..!


टूटा दिल तो गम कैसा,

वो चल दिये तो सितम कैसा,

मन भरा यार बदले,

बेवफा हुए साफ,

तो फिर इश्क का भ्रम कैसा?


घायल करके मुझे उसने पूछा,

करोगे क्या फिर मोहब्बत मुझसे,

लहू-लहू था दिल मगर

होंठों ने कहा बेइंतहा-बेइंतहा।


काश उसे चाहने का अरमान ना होता,

मैं होश में रहते हुए अनजान ना होता,

ना प्यार होता किसी पत्थर दिल से हमको,

या फिर कोई पत्थर दिल इंसान ना होता।


जख्म तो हम भी अपने दिल में

तुमसे गहरे रखते हैं,

मगर हम जख्मों पे

मुस्कुराहटों के पहरे रखते हैं।


इरादों में अभी भी क्यों इतनी जान बाकी है,

तेरे किये वादों का इम्तिहान अभी बाकी है,

अधूरी क्यों रह गयी तुम्हारी यह बेरुखी,

अभी दिल के हर टुकड़े में तेरा नाम बाकी है।


दर्द को दर्द अब होने लगा है।

दर्द अपने गम पे खुद रोने लगा है।

अब हमें दर्द से दर्द नही लगेगा।

क्योंकि दर्द हमको छू कर खुद सोने लगा है।


दो शब्दों में सिमटी है मेरी मुहब्बत की दास्तान,

उसे टूट कर चाहा और चाह कर टूट गये।


मुझसे वास्ता नही रखना तो

फिर मुझपे नजर क्यूं रखता है?

मैं किस हाल में जिंदा हूँ

तू मेरी खबर क्यूं रखता है?



😍➤ Final Word 

Let us know in the comments if you already knew about them or if any was a surprise for you 👍 . 

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