Islamic Shayari For Instagram [You Must Use]

Islamic Shayari For Instagram [You Must Use]

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Islamic Shayari For Instagram


Best Islamic Shayari For Instagram :

निखरे हैं रंग सभी मेंहदी के फिज़ाओं मेंये ईद की खुशबू है फैली,

आज इन हवाओं में कल रात जब चाँद उतरा मेरे आँगन मेंसारे जहां के लिए ख़ुशी मैंने माँग ली दुआओं में।


अगर तुम अपने रब पे बहुत भरोसा करते हो तो,

ये भी जान लो कि तुम्हारा रब इस भरोसे को,

कभी टूटने नहीं देगा।


आज खुदा की हम पर हो मेहरबानी,

करदे माफ़ हम लोगो की सारी नाफ़रमानी,

ईद का दिन आज आओ मिलकर करें यही वादा,

खुदा की ही राहों में हम चलेंगे सदा यही है हमारा वादा।


सब कुछ अल्लाह की मर्ज़ी से होता है,

अल्लाह की मर्ज़ी के बिना एक पत्ता भी नहीं हिल सकता।


मोहब्बत कि इससे

बड़ी मिसाल क्या होगी कि

मेरा खुदा मेरे लिए दुआ मांगता है..!


मोहब्बत का मतलब

हमने इतना ही जाना है

एक को चाहा है और

उसी को खुदा माना है..!


तेरी किस्मत मेरी किस्मत जैसी है

और तू मेरी परछाई है

ना जाने इस सच्चाई ने भी

कितनी तकलीफ दिलाई है..!


ढूंढता हूं हर लम्हे में मैं उसको

एक ही लम्हा मुझसे वो जुदा ना हुआ

क्या मिला सजदे में सर झुका के

यदि दिल में खुदा ना हुआ..!


कश्तियाँ सब की किनारे पे पहुँच जाती हैं

जिन का कोई नहीं उन का ख़ुदा होता है !!


मिट जाए गुनाहों का तसव्वुर ही जहाँ से

अगर हो जाये यकीन के खुदा देख रहा है !!


किसी को ये खौफ के खुदा न देख ले

किसी की ये आरज़ू के खुदा देखता रहे !!


सामने है जो उसे लोग बुरा कहते हैं

जिस को देखा ही नहीं उस

को ख़ुदा कहते हैं !!


नहीं बदल सके हम खुद को

औरों के हिसाब से

एक लिबास मुझे भी दिया है खुदा

ने अपने हिसाब से !!


कर लेता हूँ बर्दाश्त तेरा हर

दर्द इसी आस के साथ

की खुदा नूर भी बरसाता है

आज़माइशों के बाद !!


"धागा ही समझ, तू अपनी "मन्नत" का मुझे

तेरी दुआओ के मुकम्मल होने का दस्तूर हूँ मैं"


"जो लोग दूसरो को अपनी दुआओं में शामिल करते हैं…

खुशियाँ सब से पहले उन्हीं के दरवाज़े पे दस्तक देती हैं…!!


"मुल्क लुट जाएगा ये आसार नज़र आते हैं,

अब हुकूमत में सब मक्कार नज़र आते हैं,

मुल्क की आज़ादी में लुटा दीं जानें हमने,

और बेहयाओं को हम ही ग़द्दार नज़र आते हैं



"मत रख इतनी नफ़रतें अपने दिल में ए इंसान*

*जिस दिल में नफरत होती है उस दिल में रब नहीं बसता"



"सजदे की खूबसूरती यह है कि*

*हम फर्श पर सिर रख कर जो कहते है*

*वो अर्श पर सुनी जाती है।*



"न आना मौत की अभी मेरा किरदार बाकि हे*

*लाया था जो अपने रब से वो उधार बाकि हे*

*दीद तो हो गई बहोत खुशियो की ग़ालिब*

*लेकिन अभी आक़ा के रोज़े का दीदार बाकि हे"


Final Word
Let us know in the comments if you already knew about them or if any was a surprise for you. 



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