Kumar Vishwas Shayari For Instagram ✂️ Copy This Ideas! ✨

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Kumar Vishwas Shayari For Instagram


😍➤ Best Kumar Vishwas Shayari For Instagram :

कोई "दीवाना" कहता है, कोई 'पागल' समझता है,

मगर #धरती की बेचैनी को बस #बादल समझता है.

मैं 'तुझसे' दूर कैसा हूँ, तू मुझसे दूर कैसी है,

ये तेरा दिल समझता है या मेरा "दिल" समझता है।


सोचता हूँ कि उस की याद आख़िर

अब किसे रात भर जगाती है


हम ने क्यूँ ख़ुद पे ए’तिबार किया

सख़्त बे-ए’तिबार थे हम तो


हर "मजहब" से सीखा हमने ,

पहले #देश का नारा …

मत बांटो इसे #एकही रहने दो ,

प्यारा_हिंदुस्तान_हमारा … ।। 😊☺️


उसी की #तरह मुझे सारा 'ज़माना' चाहे, 

वो मेरा होने से #ज्यादा मुझे पाना चाहे, 

मेरी_पलकों से फिसल जाता है चेहरा तेरा, 

ये मुसाफिर हो कोई #ठिकाना चाहे।


#स्वंय से दूर हो तुम भी 'स्वंय' से दूर है हम भी

बहुत "मशहूर" हो तुम भी बहुत #मशहूर है हम भी

बड़े मगरूर हो #तुम भी बड़े मगरूर है हम भी

अतः मजबूर हो तुम भी अतः #मजबूर है हम भी। 


मेरे जीने_मरने में, तुम्हारा नाम आएगा.

मैं सांस #रोक लू फिर भी, यही #इलज़ाम आएगा.

हर एक #धड़कन में जब तुम हो, तो फिर "अपराध" क्या मेरा,

अगर #राधा पुकारेंगी, तो "घनश्याम" आएगा.  


कहीं पर #जग लिए तुम बिन, कहीं पर सो_लिए तुम बिन

भरी "महफिल" में भी अक्सर, #अकेले हो लिए तुम बिन

ये पिछले "चंद" वर्षों की कमाई साथ है अपने

कभी तो हंस लिए तुम बिन, कभी तो रो_लिए तुम बिन


ना पाने  की #खुशी है कुछ ,ना #खोने का ही  कुछ गम है…

ये "दौलत"  और शौहरत सिर्फ  कुछ "जख्मों" का  मरहम है…

अजब सी #कशमकश है रोज जीने ,रोज मरने में…

"मुक्कमल"  जिंदगी तो है, मगर #पूरी  से कुछ कम है…”


हमारे "शेर" सुनकर भी जो #खामोश इतना है,

#खुदा जाने गुरुर ए हुस्न में #मदहोश कितना है.

किसी "प्याले" से पूछा है सुराही ने #सबब मय का,

जो खुद "बेहोश" हो वो क्या बताये होश कितना है.  


हिम्मत-ए-रौशनी बढ़ जाती है,

हम "चिरागों" की इन हवाओं से,

कोई तो जा के #बता दे उस को,

चैन #बढता है बद्दुवाओं से.


सब अपने "दिल" के राजा है, सबकी #कोई रानी है,

भले "प्रकाशित" हो न हो पर सबकी_कोई कहानी है.

बहुत #सरल है किसने कितना दर्द सहा,

जिसकी जितनी #आँख हँसे है, उतनी #पीर पुरानी है.


जो "धरती" से अम्बर जोड़े, उसका नाम #मोहब्बत है,

जो शीशे से "पत्थर" तोड़े, उसका नाम #मोहब्बत है,

कतरा कतरा #सागर तक तो,जाती है हर #उमर मगर,

बहता 'दरिया' वापस मोड़े, उसका नाम #मोहब्बत है


सदा तो #धूप के हाथों में ही परचम नहीं होता

खुशी के घर में भी #बोलों कभी क्या गम नहीं होता

फ़क़त इक आदमी के "वास्तें" जग छोड़ने वालो

फ़क़त उस #आदमी से ये ज़माना_कम नहीं होता।


#घर से निकला हूँ तो "निकला" है घर भी साथ मेरे,

देखना ये है कि "मंज़िल" पे कौन पहुँचेगा,

मेरी #कश्ती में भँवर बाँध के #दुनिया ख़ुश है,

दुनिया देखेगी कि #साहिल पे कौन पहुँचेगा।


जो किए ही_नहीं कभी मैंने , वो भी वादे #निभा रहा हूँ मैं.

#मुझसे फिर_बात  कर रही है वो , फिर से #बातों  मे आ रहा हूँ मैं !!


"सदा" तो धूप के हाथों में ही #परचम नहीं होता 

खुशी के #घर में भी बोलों कभी क्या "गम" नहीं होता 

फ़क़त इक #आदमी के वास्तें जग #छोड़ने वालो फ़क़त 

उस "आदमी" से ये ज़माना #कम नहीं होता।


"दिल" तो करता है "ख़ैर" करता है आप का ज़िक्र 

ग़ैर करता है क्यूँ न मैं #दिल से दूँ दुआ उस को 

जबकि वो_मुझ से बैर करता है आप तो हू-ब-हू वही हैं 

जो मेरे "सपनों" में सैर करता है #इश्क़ क्यूँ आप से 

ये #दिल मेरा मुझ से पूछे बग़ैर करता है 

एक ज़र्रा #दुआएँ माँ की ले "आसमानों" की सैर करता है


मै तेरा ख्वाब जी लून पर लाचारी है, मेरा गुरूर मेरी ख्वाहिसों पे भरी है, सुबह के सुर्ख उजालों से तेरी मांग से मेरे सामने तो ये श्याह रात सारी है…!!

वो जो खुद में से कम निकलतें हैं, उनके ज़हनों में बम निकलतें हैं, आप में कौन-कौन रहता है, हम में तो सिर्फ हम निकलते हैं…!!

पनाहों में जो आया हो, तो उस पर वार क्या करना जो दिल हारा हुआ हो उस पे फिर अधिकार क्या करना मुहब्बत का मजा तो डूबने की कशमकश में है…!!

 वो जिसका तीर चुपके से जिगर के पार होता है, वो कोई गैर क्या अपना ही रिश्तेदार होता है, किसी से अपने दिल की मोहब्बत तू कहना ना भूले यहाँ खत भी थोड़ी देर में अखवार होता है…!!

 मेरे जीने मरने में, तुम्हारा नाम आएगा, मैं साँस रोक लू फिर भी, यही इलज़ाम आएगा, हर एक धड़कन में जब तुम हो, तो फिर अपराध क्या मेरा अगर राधा पुकारेंगी, तो घनश्याम आएगा…!!

 तुम्हारे पास हूँ लेकिन जो दूरी है, समझता हूँ, तुम्हारे बिन मेरी हस्ती अधूरी है, समझता हूँ, तुम्हें भूल जाऊंगा ये मुमकिन है लेकिन तुम्हीं को भूलना सबसे ज़रूरी है, समझता हूँ…!!

भ्रमर कोई कुमुदनी पर मचल बैठा तो हंगामा, हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा, अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा मोहब्बत का, मैं किस्से को हकीकत में बदल बैठा तो हंगामा…!!

 सब अपने दिल के राजा है, सबकी कोई रानी है, भले प्रकाशित हो न हो पर सबकी कोई कहानी है, बहुत सरल है किसने कितना दर्द सहा जिसकी जितनी आँख हँसे है, उतनी पीर पुराणी है…!!

मोहब्बत एक अहसासों की, पावन सी कहानी है, कभी कबिरा दीवाना था, कभी मीरा दीवानी है, यहाँ सब लोग कहते हैं, मेरी आंखों में आँसू हैं, जो तू समझे तो मोती है, जो ना समझे तो पानी है…!!

30▪️ जो किए ही नहीं कभी मैंने, वो भी वादे निभा रहा हूँ मैं, मुझसे फिर बात कर रही है वो, फिर से बातों मे आ रहा हूँ मैं…!!

 मैं अपने गीतों और ग़ज़लों से उसे पेगाम करता हु, उसकी दी हुई दौलत उसी के नाम करता हूँ, हवा का काम है चलना, दिए का काम है जलना वो अपना काम करती है, में अपना काम करता हूँ…!!

सदा तो धूप के हाथों में ही परचम नहीं होता, खुशी के घर में भी बोलों कभी क्या गम नहीं होता, फ़क़त इक आदमी के वास्तें जग छोड़ने वालो, फ़क़त उस आदमी से ये ज़माना कम नहीं होता…!!

चंद चेहरे लगेंगे अपने से, खुद को पर बेक़रार मत करना,आख़िरश दिल्लगी लगी दिल पर, हम न कहते थे प्यार मत करना…!!

आँखें की छत पे टहलते रहे काले साये, कोई पहले में उजाले भरने नहीं आया, कितनी दिवाली गयी, कितने दशहरे बीते, इन मुंडेरों पर कोई दीप न धरने आया…!!

हर एक नदिया के होंठों पे समंदर का तराना है, यहाँ फरहाद के आगे सदा कोई बहाना है, वही बातें पुरानी थीं, वही किस्सा पुराना है, तुम्हारे और मेरे बिच में फिर से जमाना है…!!


हर एक नदिया के होंठों पे समंदर का तराना है,
यहाँ फरहाद के आगे सदा कोई बहाना है !
वही बातें पुरानी थीं, वही किस्सा पुराना है,
तुम्हारे और मेरे बिच में फिर से जमाना है…!!

हमें बेहोश कर साकी , पिला भी कुछ नहीं हमको
कर्म भी कुछ नहीं हमको , सिला भी कुछ नहीं हमको
मोहब्बत ने दे दिआ है सब , मोहब्बत ने ले लिया है सब
मिला कुछ भी नहीं हमको , गिला भी कुछ नहीं हमको !!

कितनी दुनिया है मुझे ज़िन्दगी देने वाली
और एक ख्वाब है तेरा की जो मर जाता है
खुद को तरतीब से जोड़ूँ तो कहा से जोड़ूँ
मेरी मिट्टी में जो तू है की बिखर जाता है

उम्मीदों का फटा पैरहन,
रोज़-रोज़ सिलना पड़ता है,
तुम से मिलने की कोशिश में,
किस-किस से मिलना पड़ता है

हमने दुःख के महासिंधु से सुख का मोती बीना है
और उदासी के पंजों से हँसने का सुख छीना है
मान और सम्मान हमें ये याद दिलाते है पल पल
भीतर भीतर मरना है पर बाहर बाहर जीना है।

ये दिल बर्बाद करके सो में क्यों आबाद रहते हो
कोई कल कह रहा था तुम अल्लाहाबाद रहते हो
ये कैसी शोहरतें मुझको अता कर दी मेरे मौला
मैं सभ कुछ भूल जाता हूँ मगर तुम याद रहते हो !!

सब अपने दिल के राजा है, सबकी कोई रानी है
भले प्रकाशित हो न हो पर सबकी कोई कहानी है
बहुत सरल है किसने कितना दर्द सहा
जिसकी जितनी आँख हँसे है, उतनी पीर पुराणी है

सब अपने दिल के राजा है, सबकी कोई रानी है, भले प्रकाशित हो न हो पर सबकी कोई कहानी है, बहुत सरल है किसने कितना दर्द सहा, जिसकी जितनी आँख हँसे है, उतनी पीर पुराणी है…!!

पनाहों में जो आया हो तो उस पर वार क्या करना, जो दिल हारा हुआ हो उस पे फिर अधिकार क्या करना, मोहब्बत का मजा तो डूबने की कशमकश में है, हो ग़र मालूम गहराई तो दरिया पार क्या करना…!!

नज़र में शोखिया लब पर मुहब्बत का तराना है, मेरी उम्मीद की जद़ में अभी सारा जमाना है, कई जीते है दिल के देश पर मालूम है मुझकों, सिकन्दर हूं मुझे इक रोज खाली हाथ जाना है…!!

😍➤ Final Word 

Let us know in the comments if you already knew about them or if any was a surprise for you 👍 . 

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